Skip to main content

हॉकी में हरिद्वार रहा अव्वल


 हरिद्वार 16 अक्टूबर 2024- वंदना कटारिया हॉकी स्टेडियम में जिला स्तरीय वूमेन अंडर 19 हॉकी टूर्नामेंट के समापन अवसर पर जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने विजेता टीम को ट्रॉफी देकर किया सम्मानित।

    जिलाधिकारी ने राज्य स्तरीय हॉकी प्रतियोगिता के समापन अवसर पर विजय टीम, रनर टीम के साथ ही प्रतियोगिता में शामिल होने वाली सभी टीमों को बधाई दी। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रतियोगिताओं में सबसे महत्वपूर्ण प्रतिभाग करना जरूरी है, क्योंकि प्रतिभाग करने के बाद ही प्रतिस्पर्धा का दौर शुरू होता है। उन्होंने कहा कि खेलों में जीतने से ज्याद प्रतिभाग करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ कड़ी मेहनत व लगन से प्रतियोगिताओं की तैयारी करना ही सफलता की सबसे बड़ी कुंजी है।जिलाधिकारी ने मैन ऑफ़ द मैच बीना, प्लेयर ऑफ़ द टूरनामेंट सलोनी को, बेस्ट स्कोरर ऑफ़ द टूर्नामेंट करीना को दिया।

    प्रतियोगिता के अन्तिम दिन प्रथम सेमीफाइनल मैच- जनपद हरिद्वार ‘‘ए‘‘ एवं ऊधमसिंह नगर के मध्य खेला गया जिसमें हरिद्वार6-2 से विजयी रही। 

प्रतियोगिता का द्वितीय सेमीफाइनल मैच- जनपददेहरादूनएवंहरिद्वार ‘‘बी‘‘ के मध्य खेला गया जिसमें हरिद्वार‘‘बी‘‘ 2-1 से विजयी रही। 

प्रतियोगिता का फाइनल मैच- जनपद हरिद्वार ‘‘ए‘‘ एवं देहरादून के मध्य खेला गया। रोमांचक मुकाबले में हरिद्वार ‘‘ए‘‘ की टीम 4-3 से विजयी रही।

   टूर्नामेंट में विभिन्न जिलों की 12 टीमों ने शिरकत की थी, जिसमें आज देहरादून और हरिद्वार की टीमों के बीच फाइनल मैच खेला गया। हरिद्वार की टीम ने रोमांचक मुकाबले में 4- 3 से देहरादून की टीम से मुकाबला जीत लिया। समापन अवसर में एसडीएम अजयवीर सिंह, जिला स्पोर्ट्स ऑफिसर शबाली गुरंग, डिप्टी स्पोर्ट्स ऑफिसर हरिद्वार प्रदीप कुमार, वरुण बेलवाल, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी प्रजापति कुकरेती, प्रशासनिक अधिकारी राजेंद्र यादव आदि मौजूद रहे।

Comments

Popular posts from this blog

अशोक धम्म विजयदशमी पर बौद्ध महासमागम मुलदासपुर माजरा बच्चो ने किया चरित्र चित्रण

 दिनाँक 13 अक्टूबर 2024 को ग्राम मुलदासपुर माजरा।  अशोक विजय दशमी के अवसर पर एक दिवसीय बौद्ध समागम का कार्यक्रम संत रविदास मंदिर समिति मुलदासपुर माजरा  की ओर से आयोजन किया गया अयोजन में मुख्य धम्म उपदेशक भंते विनाचार्य ने बुद्ध, रैदास, भीम संदेश आदि पर अपने उपदेश दिए साथ ही आयोजन में मुख्य वक्तागण सतीश कुमार बौद्ध और सुमित बौद्ध ने अपने विचार प्रकट किए आसपास के गांव के ग्रामीण बौद्ध कथा सुनने पहुंचे। उपदेशकों ने आज के दिन का ऐतिहासिक महत्व समझाते हुए कहा २० वीं सदी के मध्य में बोधिसत्व, भारत रत्न , विश्व ज्ञानपुंज, सिंबल ऑफ नॉलेज डॉ॰ बाबासाहेब आंबेडकर ने अशोक विजयादशमी के दिन १४ अक्टूबर १९५६ को नागपुर में अपने ५,००,००० (5 लाख से अधिक) अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म अपनाया था। डॉ॰ आंबेडकर ने जहां बौद्ध धम्म की दीक्षा ली वह भूमि आज दीक्षाभूमि के नाम से जानी जाती है। वही सम्राट अशोक के जीवन कालखंड से ओतप्रोत किस्सा सुनाया  सम्राट अशोक के कलिंग युद्ध में विजयी होने के दसवें दिन मनाये जाने के कारण इसे अशोक विजयदशमी कहते हैं। इसी दिन सम्राट अशोक ने बौद्ध धम्म की दीक्षा ली थी...

सैकड़ों कार्यकर्ताओ ने थामा भीम आर्मी का दामन अकुंश को मिली प्रदेश कमान

बहादराबाद (संदीप कुमार) उत्तराखंड में भीम आर्मी का बढ़ा कुनबा भीम आर्मी जय भीम के  प्रदेश प्रभारी सोनू लाठी ने अपनी फेसबुक सोशल साईट के माध्यम से उत्तराखंड में सदस्यता अभियान चलाने का ऐलान किया था इसी क्रम में आज जिले हरिद्वार के गांव रावली मेहदूद में सदस्यता अभियान चलाया गया जिसमें उन्होंने कहा कि भीम आर्मी जय भीम संगठन के राष्ट्रीय  अध्यक्ष मनजीत सिंह नौटियाल जी के आदेशानुसार व प्रदेश प्रभारी उत्तराखंड सोनू लाठी जी के द्वारा प्रदेश अध्यक्ष भीम आर्मी जय भीम संगठन की जिम्मेदारी एडवोकेट अंकुश शेरवाल व प्रदेश प्रवक्ता की जिम्मेदारी एडवोकेट सौरभ कुमार जी को दी गई साथ ही सैकड़ों कार्यकर्ताओ ने भीम आर्मी का दामन थाम।

रविदास जी ने लिया राहु के घर जन्म घर घर बाटी गई मिठाई

 आज ग्राम मूलदासपुर माजरा में संत शिरोमणि रविदास जी की जयंती के उपलक्ष्य में रविदास लीला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में संत रविदास जी के जन्म और उनके जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं को मंचन के माध्यम से दर्शाया गया।  अभिनय में अभिषेक ने रविदास जी के पिता राहु का, शुभम ने माता कर्मा का और कुलदीप ने नारद मुनि का किरदार निभाया। पंडित की भूमिका में शिवराज, देवराज और निकेतन ने अभिनय किया, जबकि मुनेश ने स्वयं संत रविदास जी का किरदार निभाया।  कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और उद्घाटनकर्ता तेलूराम, पूर्व इंजीनियर भेल हरिद्वार थे। इस आयोजन का संचालन रविदास समिति मूलदासपुर माजरा द्वारा किया गया, जिसमें छत्रपाल, मांगेराम, राजकुमार और सहदेव जैसे सदस्यों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।  यह कार्यक्रम संत रविदास जी के संदेश और उनके द्वारा प्रतिपादित सामाजिक समानता और भक्ति के मार्ग को लोगों तक पहुंचाने का एक सार्थक प्रयास था।