Skip to main content

सैनी समाज में सुलह की नई लहर: आदेश सैनी सम्राट और तेज प्रताप सैनी के बीच विवाद का पटाक्षेप


 हरिद्वार (संदीप कुमार) सैनी समाज में हाल के दिनों में उपजे विवाद ने समाज को दो धड़ों में बांट दिया था, लेकिन अब सुलह की एक नई किरण ने सामाजिक एकता को फिर से मजबूत करने का रास्ता खोल दिया है। सैनी आश्रम, हरिद्वार को लेकर आदेश सैनी सम्राट और भीम आर्मी व आजाद समाज पार्टी के प्रदेश महासचिव तेज प्रताप सैनी के बीच चला आ रहा तनाव अब सुलह की ओर बढ़ता दिख रहा है। इस विवाद ने सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोरीं, जब दोनों पक्षों के बीच तीखी टिप्पणियां, हाथापाई और हमलों की घटनाएं सामने आईं।


विवाद की शुरुआत और वायरल वीडियो


सूत्रों के अनुसार, सैनी आश्रम में आयोजित एक सभा के दौरान आदेश सैनी सम्राट और तेज प्रताप सैनी के बीच तीखी नोकझोंक हाथापाई में बदल गई। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ। इसके जवाब में तेज प्रताप सैनी ने हरिद्वार में दिनदहाड़े आदेश सैनी सम्राट पर हमला किया, जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब प्रसारित हुआ। उसी दिन, रुड़की जाते समय तेज प्रताप सैनी पर अज्ञात लोगों ने कार पर हमला कर दिया, जिसकी फुटेज ने भी सोशल मीडिया और न्यूज चैनलों पर तूल पकड़ा। इन घटनाओं ने हरिद्वार से लेकर उत्तर प्रदेश और हरियाणा तक सैनी समाज को दो धड़ों में बांट दिया।


सुलह की पहल: समाज के बुद्धिजीवियों की भूमिका


सैनी समाज के बुद्धिजीवियों और प्रबुद्ध लोगों ने समाज में बढ़ते विभाजन को देखते हुए त्वरित कदम उठाए। आदर्श नगर के श्री गार्डन बैंकेट हॉल में शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें दोनों पक्षों को आमने-सामने बिठाकर सुलह कराने का प्रयास किया गया। इस पहल में सैनी समाज के प्रमुख लोगों, जैसे राजेंद्र सैनी (चेयरमैन, तेल्लीवाला), डॉ. राजेश सैनी (भगवानपुर), डॉ. संजीव सैनी (भगवानपुर), पूर्व पार्षद सुबोध सैनी (आदर्श नगर, रुड़की), आशीष सैनी (कोटा मच्छरेड़ी), संजय सैनी (इमली खेड़ा), और समाज के ही पूर्व एडीओ पंचायत यशवीर सैनी (रुड़की सिविल लाइन), अर्जुन सैनी मेवड़ ( वरिष्ठ समाजसेवी) ने अहम भूमिका निभाई।


भाईचारे का संदेश: गले मिले दोनों पक्ष 


बैठक में दोनों पक्षों ने आपसी मतभेदों को भुलाने का संकल्प लिया और भविष्य में ऐसी घटनाओं को न दोहराने का वचन दिया। आदेश सैनी सम्राट और तेज प्रताप सैनी ने सभा के सामने गले मिलकर भाईचारे का संदेश दिया, जिसे उपस्थित समाज के लोगों ने खूब सराहा। इस सुलह को सैनी समाज में एकता और आपसी सहयोग की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।


सैनी समाज की एकता को बढ़ावा


सैनी समाज के लोगों ने इस सुलह को सामाजिक एकता की जीत के रूप में देखा है। समाज के नेताओं और बुद्धिजीवियों ने जोर देकर कहा कि सैनी समाज हमेशा से अपनी एकता, साहस और भाईचारे के लिए जाना जाता है। इस घटना के बाद समाज ने यह संदेश दिया कि भविष्य में भी ऐसे प्रयास जारी रहेंगे ताकि समाज में आपसी सौहार्द और एकता बनी रहे।


बैठक से निकली सीख 


यह सुलह न केवल आदेश सैनी सम्राट और तेज प्रताप सैनी के बीच के विवाद को समाप्त करने में सफल रही, बल्कि सैनी समाज के लिए एक प्रेरणा बन गई है कि आपसी मतभेदों को बातचीत और समझदारी से सुलझाया जा सकता है। समाज के लोग अब इस एकता को और मजबूत करने के लिए संकल्पबद्ध हैं, ताकि सैनी समाज अपनी गौरवशाली परंपरा को और आगे ले जा सके।

Comments

Popular posts from this blog

रविदास जी ने लिया राहु के घर जन्म घर घर बाटी गई मिठाई

 आज ग्राम मूलदासपुर माजरा में संत शिरोमणि रविदास जी की जयंती के उपलक्ष्य में रविदास लीला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में संत रविदास जी के जन्म और उनके जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं को मंचन के माध्यम से दर्शाया गया।  अभिनय में अभिषेक ने रविदास जी के पिता राहु का, शुभम ने माता कर्मा का और कुलदीप ने नारद मुनि का किरदार निभाया। पंडित की भूमिका में शिवराज, देवराज और निकेतन ने अभिनय किया, जबकि मुनेश ने स्वयं संत रविदास जी का किरदार निभाया।  कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और उद्घाटनकर्ता तेलूराम, पूर्व इंजीनियर भेल हरिद्वार थे। इस आयोजन का संचालन रविदास समिति मूलदासपुर माजरा द्वारा किया गया, जिसमें छत्रपाल, मांगेराम, राजकुमार और सहदेव जैसे सदस्यों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।  यह कार्यक्रम संत रविदास जी के संदेश और उनके द्वारा प्रतिपादित सामाजिक समानता और भक्ति के मार्ग को लोगों तक पहुंचाने का एक सार्थक प्रयास था।

ग्राम प्रधानों की अध्यक्षता में 2 व 3 मई को यूसीसी पोर्टल पर पंजीकरण हेतु वृहद्ध स्तर पर कैम्पों का आयोजन

  हरिद्वार 01 मई, 2025 जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह ने अवगत कराया कि समान नागरिक संहिता 2025 के तहत् दिनांक 26 मार्च, 2010 के पश्चात जनपद के विवाहित सभी व्यक्यिों को यूसीसी पोर्टल पर विवाह पंजीकरण कराना अनिवार्य है।  जिलाधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि ग्राम प्रधानों की अध्यक्षता में 2 व 3 मई को यूसीसी पोर्टल पर पंजीकरण हेतु वृहद्ध स्तर पर कैम्पों का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने ग्राम प्रधानों की अध्यक्षता में आयोजित कैम्पो में अधिक से अधिक लोगों के पंजीकरण हेतु एवं पंजीकरण के दौरान सम्बन्धित व्यक्ति को सुविधा प्रदान करने हेतु सभी क्षेत्रीय कार्मिकों को कैम्प हेतु सकिय व परिणामजनक भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने बताया कि एक निश्चित निर्धारित तिथि तक पोर्टल पर पंजीकरण हेतु शुल्क रू0 250.00 मात्र व सी०एस०सी० को देय शुल्क रु० 50.00 कुल रू० 300.00 निर्धारित है, इसके पश्चात लोगों को रू0 10,000. (दस हजार मात्र) तक विलम्ब शुल्क भी देना पड़ेगा और सभी सब रजिस्ट्रारों द्वारा ऐंसे पात्र छूटे हुए व्यक्तियों को नोटिस भी जारी किया जायेगा।       जिला...