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विद्युत विभाग के ठेकेदारों ने बिना किसी अनुमति के चक मार्ग के बीचों-बीच खंभे लगा दिए हैं।


 शांतरशाह गांव में प्रशासन की मिलीभगत से हो रहा है ज़्यादती, ग्रामीणों की आवाज़ दबाई जा रही है

शांतरशाह गांव में ग्राम पंचायत की भूमि पर लगातार हो रहे अतिक्रमण और विद्युत विभाग के ठेकेदारों के मनमाने व्यवहार से ग्रामीणों में रोष है। विद्युत विभाग के ठेकेदारों ने चक मार्ग के बीचों-बीच 11 केवी की लाइन बिछाकर नियमों को ताक पर रख दिया है।

क्या है पूरा मामला?

 विद्युत विभाग के ठेकेदारों ने बिना किसी अनुमति के चक मार्ग के बीचों-बीच खंभे लगा दिए हैं।

 प्रशासन कॉलोनाइज़रों के दबाव में आकर पुराने खंभे तोड़कर नई लाइन बिछा रहा है।

 पास स्थित कॉलोनी में छज्जे निकालने के लिए लाइन को मोटी रकम लेकर विस्थापित किया गया है।

  ग्रामीणों की आवाज़ दबाई जा रही है गांव के नेता भी इस मामले में मौन हैं और ग्रामीणों की आवाज़ को दबाने का प्रयास कर रहे हैं।

ग्रामीणों की चिंताएं:

 चक मार्ग के बीचों-बीच बिछी बिजली लाइन से ग्रामीणों की जान का खतरा है।

 अवैध कब्जों और मनमाने निर्माण के कारण गांव का विकास रुक गया है।

 ग्रामीणों का प्रशासन पर से विश्वास उठ गया है।

आगे क्या होगा?

ग्रामीणों को इस मुद्दे पर एकजुट होकर प्रशासन के खिलाफ आवाज उठानी होगी।

 इस मामले को मीडिया के सामने लाना होगा ताकि लोगों का ध्यान इस ओर जा सके।

 अगर प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं करता है तो ग्रामीणों को कानूनी कार्रवाई करनी होगी।

यह मामला सिर्फ शांतरशाह गांव का नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र के कई गांवों की समस्या है।

आइए मिलकर इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएं और अपने अधिकारों के लिए लड़ें।


 👉 इस मामले को लेकर एक याचिका दायर की जाएंगी

 👉 स्थानीय सामाजिक संगठनों से मदद ली जाएंगी 

  इस खबर को सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से शेयर करें।

यह खबर लिखने का उद्देश्य है कि इस तरह के अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई जाए और लोगों को जागरूक किया जाए।

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