लक्सर (संदीप कुमार) दिव्यांग सतेंद्र राणा कई वर्षों से लक्सर स्थित फैक्ट्री वर्करों को ड्रेस, हेलमेट आदि किराए पर उपलब्ध कराता था जिसके लिए फैक्ट्री ने दिव्यांग को अपने ही गेट के सामने खोखा खोल कर दिया हुआ था ब्रान नेटवर्क से बात करते हुए दिव्यांग सत्येंद्र राणा ने बताया कि साल 2016 में फैक्ट्री की ओर से दिव्यांग व्यक्ति से काम लेना बंद कर दिया। बीते वर्ष 2016 में भीम आर्मी के धरना देने के बाद तत्कालीन डीएम दीपक रावत हरिद्वार की उपस्थिति में दिव्यांग और फैक्ट्री के बीच करार हुआ जिसमें फैक्ट्री की तरफ़ से बारह हज़ार रुपए महीना मानदेय दिव्यांग व्यक्ति को देने तय हुआ दिव्यांग करार के बाद से अब तक अपनी सेवा देते रहे लेकिन फैक्ट्री अपने करार से मुकर गई और पिछले आठ वर्षों से एक रूपये तक नहीं दिया अब दिव्यांग व्यक्ति फैक्ट्री गेट के सामने भीम आर्मी कार्यकताओं के साथ अनिश्चितकाल के लिए मांगे पुरी न होने के चलते बैठ गया हैं खबर लिखे जाने तक प्रशासन की तरफ़ से कोई बात करने नहीं पहुंचा भीम आर्मी लागतार धरने पर जमी हुई है
दिनाँक 13 अक्टूबर 2024 को ग्राम मुलदासपुर माजरा। अशोक विजय दशमी के अवसर पर एक दिवसीय बौद्ध समागम का कार्यक्रम संत रविदास मंदिर समिति मुलदासपुर माजरा की ओर से आयोजन किया गया अयोजन में मुख्य धम्म उपदेशक भंते विनाचार्य ने बुद्ध, रैदास, भीम संदेश आदि पर अपने उपदेश दिए साथ ही आयोजन में मुख्य वक्तागण सतीश कुमार बौद्ध और सुमित बौद्ध ने अपने विचार प्रकट किए आसपास के गांव के ग्रामीण बौद्ध कथा सुनने पहुंचे। उपदेशकों ने आज के दिन का ऐतिहासिक महत्व समझाते हुए कहा २० वीं सदी के मध्य में बोधिसत्व, भारत रत्न , विश्व ज्ञानपुंज, सिंबल ऑफ नॉलेज डॉ॰ बाबासाहेब आंबेडकर ने अशोक विजयादशमी के दिन १४ अक्टूबर १९५६ को नागपुर में अपने ५,००,००० (5 लाख से अधिक) अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म अपनाया था। डॉ॰ आंबेडकर ने जहां बौद्ध धम्म की दीक्षा ली वह भूमि आज दीक्षाभूमि के नाम से जानी जाती है। वही सम्राट अशोक के जीवन कालखंड से ओतप्रोत किस्सा सुनाया सम्राट अशोक के कलिंग युद्ध में विजयी होने के दसवें दिन मनाये जाने के कारण इसे अशोक विजयदशमी कहते हैं। इसी दिन सम्राट अशोक ने बौद्ध धम्म की दीक्षा ली थी...
Comments