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अस्पृश्यों से प्राप्त धन से ही आंदोलन के लिए भव्य इमारत बनाइए-डॉ.अंबेडकर

  10.10.1940 को महाड़ तालुका महार हितसंरक्षक संघ के लोगों द्वारा डॉ.अंबेडकर को चाय-पार्टी देने का कार्यक्रम परेल के. आर. एम. भट हाईस्कूल में हंसी-खुशी संपन्न हुआ।  संघ के सदस्य और कार्यकारी मंडल के सदस्य विधायक भाई चित्रे, श्री कमलाकांत चित्रे, दादासाहेब संभाजी गायकवाड़, लोखंडे, सवादकर आदि के साथ पहले डॉ.अंबेडकर का ग्रुप फोटो लिया गया। उसके बाद चाय-पार्टी का कार्यक्रम संपन्न हुआ। संघ के अध्यक्ष श्री आर. वी. मोरे ने तय बात के अनुसार 'जनता' पत्रिका को नकद 40 रुपये दिए और 10 रुपये बाद में देने का अभिवचन दिया। उपस्थित जनसमूह द्वारा बड़े आग्रह के साथ विनती की गई कि डॉ.अंबेडकर इस अवसर पर कुछ बोलें। तालियों की गड़गड़ाहट के बीच डॉ.अंबेडकर उठकर खड़े हुए। उन्होंने अपने भाषण में कहा- “जिस महाड़ तहसील ने अस्पृश्यों के आंदोलन की शुरूआत की उसी तहसील के लोगों द्वारा मुझे 50 रुपये देकर सभा में आमंत्रित करने की प्रथा की भी अस्पृश्य समाज में शुरूआत की इसलिए वह अभिनंदन के अधिकारी हैं। मुंबई अस्पृश्यों के लिए एक बड़ी इमारत बनाई जाने वाली है। इमारत बनाने के लिए धन की बेहद जरूरत है। इस बड़ी जिम्मेद...

सचिवालय ने मांगा जमीन का हिसाब देखें क्या है

 कृपया, उपरोक्त विषय के संबंध में जैसा कि आप संज्ञानित हैं, राज्य में उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) (अनुकूलन एवं उपान्तरण आदेश, 2001) प्रचलित है, जिसमें समय-समय पर उत्तराखण्ड राज्य के परिप्रेक्ष्य में संशोधन किये गये हैं, यथाः उत्तराखण्ड अधिनियम संख्या 03, वर्ष 2007 के द्वारा उक्त अधिनियम की धारा 154 (4) (1) (क) में किये गये संशोधन के अनुसार, कोई भी व्यक्ति स्वयं या अपने परिवार के आवासीय प्रयोजन हेतु बिना किसी अनुमति के अपने जीवन काल में अधिकतम 250 वर्ग मीटर भूमि क्रय कर सकता है, परंतु ऐसा संज्ञान में आया है कि एक ही परिवार के सदस्यों द्वारा पृथक-पृथक भूमि क्रय करके उक्त प्राविधानों का उल्लंघन किया जा रहा है। उक्त के अनुक्रम में उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) (अनुकूलन एवं उपान्तरण आदेश, 2001) (संशोधन) अधिनियम, 2007 की धारा 154 (4) (1) (क) के उल्लंघन के प्रकरणों में नियमानुसार परीक्षण करते हुए, यथोचित विधिक कार्यवाही किया जाना है तथा कृत कार्यवाही से राजस्व परिषद् उत्तराखण्ड के माध्यम से शासन को अवगत ...