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पूनम की प्रगति: ग्रामोत्थान परियोजना से सशक्त हुई एक ग्रामीण महिला उद्यमी

 



मुख्य विकास अधिकारी महोदया के निर्देशन में जनपद हरिद्वार के सभी विकासखंडों में "अल्ट्रा पूअर सपोर्ट एंटरप्राइजेज" (फॉर्म एवं नॉन-फॉर्म) और सीबीओ स्तर पर विभिन्न उद्यमों की स्थापना की जा रही है। इसी दिशा में उत्तराखंड ग्राम्य विकास समिति द्वारा संचालित ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमशीलता को बढ़ावा देकर लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला रही है।


भगवानपुर ब्लॉक के कुजा बहादरपुर गांव की पूनम देवी पहले मजदूरी करके महीने में ₹5,000 से ₹7,000 की आय अर्जित करती थीं। आजीविका का कोई स्थायी साधन नहीं था, केवल दो सूअर ही उनके पास थे जिन्हें पशुबाड़ा न होने के कारण खुले में रखना पड़ता था। इससे उनकी आय में भी कोई विशेष वृद्धि नहीं हो पा रही थी।


वित्तीय वर्ष 2024–25 में ग्रामोत्थान परियोजना के अंतर्गत उन्हें एकल उद्यम गतिविधि के लिए चयनित किया गया। सीएलएफ स्टाफ एवं ब्लॉक रीप टीम के मार्गदर्शन में पूनम देवी ने ₹50,000 का बैंक लोन, ₹20,000 का स्वयं का अंशदान तथा ₹30,000 ग्रामोत्थान परियोजना से प्राप्त कर कुल ₹1,00,000 की लागत से एक नया सूअर बाड़ा बनवाया और मादा सूअर की खरीद की।



इस सहयोग का परिणाम यह हुआ कि आज पूनम देवी के पास 12 बच्चे सूअर, 6-7 वयस्क सूअर एवं एक मादा सूअर हैं। वह अब प्रति तिमाही ₹15,000 से ₹20,000 की आय अर्जित कर रही हैं और मजदूरी पर निर्भर नहीं रह गई हैं। उन्हें 'लखपति दीदी' कार्यक्रम में शामिल किया गया है और खंड विकास अधिकारी भगवानपुर द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया गया है।


पूनम देवी की यह सफलता कहानी यह सिद्ध करती है कि सही मार्गदर्शन और वित्तीय सहयोग से ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकती हैं और अपने परिवार का जीवन स्तर बेहतर कर सकती हैं। यह प्रेरणा अन्य जरूरतमंद महिलाओं को भी उद्यमिता की राह पर चलने के लिए प्रोत्साहित करेगी।

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