देहरादून(संदीप कुमार) राजधानी में मूलनिवासी संघ का राज्य स्तरीय धरना प्रदर्शन से किया मूलनिवासियों ने जन आंदोलन का उद्घोष, संविधान प्रबोधक ललित कुमार ने किया 14 सूत्रीय मांगों का समर्थन।
दिनांक 17 नवंबर 2024 को देहरादून में मूलनिवासी संघ के तत्वाधान में धरना प्रदर्शन किया गया। जिसमें मूलनिवासी संघ व अन्य संगठनों के कार्यकर्ताओं सहित संविधान प्रबोधक ललित कुमार ने भी 14 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन और धरना प्रदर्शन को समर्थन किया।
इस मौके पर संविधान प्रबोधक ललित कुमार ने निजीकरण, बेरोजगारी, न्यायपालिकाओं में कोलेजियम व्यवस्था, सरकारी स्कूल को बंद करना, जातीय उत्पीड़न, निजी व असंगठित क्षेत्रों में मजदूरों के हो रहे शोषण आदि के खिलाफ विरोध व्यक्त किया। साथ ही उन्होंने शिक्षा व्यवस्था और देश की की बेहतरी के लिए "एक राष्ट्र, एक शिक्षा" व्यवस्था की मांग की।
इस मौके पर मौजूद रहे छात्र नेता अनुज गौतम, नरेंद्र गौतम, चंद्रपाल सिंह, रीता, प्रमोद कुमार, देवराज सिंह, गोविंद सिंह, सुधीर कुमार, के पी सिंह, अशालाल टम्टा आदि सैंकड़ों लोगों ने धरने में सहभाग कर समर्थन व्यक्त किया।1
4 सूत्रीय मांग इस प्रकार है
1- जातिगत जनगणना न करा कर पिछड़े वर्ग के नागरिकों को हमेशा के लिए सत्ता से वंचित रखना राष्ट्र हित में घातक है।
2- निजी संस्थानों का राष्ट्रीयकरण करने की आवश्कता।
3- न्याय पालिका में प्रतिनिधित्व हेतु (IJS) का गठन किया जाये।
4- असंगठित क्षेत्र में राष्ट्रीयकरण किया जाये।
5- नारी शक्ति वन्दन अधिनियम (महिला आरक्षण कानून) में मूलनिवासी महिलाओं के प्रतिनिधित्व का प्रावधान न करना, सवर्ण जातियों के बर्चस्व बढ़ाने का षडयन्त्र ।
6- उत्तराखण्ड में इरशाद आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाये, पिछड़े वर्ग, अनुसूचित जाति और अनु० जन जाति को पदोन्नति में आरक्षण प्रदान किया जाये।
7- उत्तराखण्ड में स्वीकृत पदों के सापेक्ष (SC, ST, OBC, MT) के लम्बित पदों (बैकलॉक) पर शीघ्र भर्ती की जायें।
8- उत्तराखण्ड में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति, पिछड़ा वर्ग के लोगो के आवासो पर अतिक्रमण के नाम से ध्वस्तीकरण न किया जाये, जैसे देहरादून में रिस्पना नदी व बिन्दाल के किनारे बने मकान इसी तरह हरिद्वार व ऊधम सिंह नगर, नैनीताल आदि जिलों में बने आवासो का मालिकाना हक दिया जाये।
9- देश/प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी को विभिन्न विभागों में शीघ्र भर्ती कर बेरोजगारी पर रोक लगायी जाये।
10- देश/प्रदेश में बढ़ती महंगाई से मूलनिवासी समाज तृष्त है, इसपर अंकुश लगाया जाये।
11- देश/प्रदेश में मूलनिवासी अनु० जाति, अनु० जनजाति, पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यक वर्ग पर हो रहे अत्याचार, उत्पीड़न को बन्द किया जाये।
12- प्राथमिक विद्यालयों को प्रदेश सरकार बन्द करने का निर्णय वापस लें।
13- स्वास्थ्य विभाग की विज्ञाप्ति नियुक्तियों में (SC, OBC, ST) 391 पदों की विज्ञाप्ति में अनु० जाति को केवल 17 पद दिये जबकि आरक्षण 19% है, उसके अनुसार 74 पद दिये जाने थे, EWS के 391 में 38 पद दिये हैं एवं OBC को पद शून्य दिये है जिन्हें मानक के अनुसार 14% पद प्रदान किये जाये।
14- माननीय मुख्यमंत्री द्वारा 15000 पद वर्ग 'ग, घ' के संविदा पदों को नियमित करने की घोषण की गयी है। जिसमें मूलनिवासी (अनु० जाति, अनु० जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्प संख्यक का ध्यान नहीं रखा गया अतः नियमितीकरण स्थगित कर मूलनिवासियों (SC, ST, OBC & MT) को नियमता प्रतिनिधित्व प्रदान कर नियमितीकरण किया जाये।
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